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जेब पर भारी स्कूलों की मनमानी: आसमान छू रहे निजी प्रकाशकों की किताबों के दाम, एनसीईआरटी से तीन-चार गुना महंगी

शिक्षा निदेशालय के आदेश की अवहेलना करते हुए स्कूल बच्चों को निजी प्रकाशकों की किताबें ही दे रहे हैं। जो एनसीईआरटी की किताबों के मुकाबले तीन से चार गुना महंगी है।कुछ स्कूलों में पूरा सेट लेने पर छूट जैसे ऑफर देकर अभिभावकों को लुभाने की भी कोशिश हो रही है।

दिल्ली के स्कूलों में एक अप्रैल से नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 की शुरुआत होने जा रही है। सत्र की शुरुआत में ही फीस के साथ कॉपी-किताबों व स्टेशनरी की मुंहमांगी कीमतें अभिभावकों की जेब ढीली कर रही है। शिक्षा निदेशालय के आदेश की अवहेलना करते हुए स्कूल बच्चों को निजी प्रकाशकों की किताबें ही दे रहे हैं। जो एनसीईआरटी की किताबों के मुकाबले तीन से चार गुना महंगी है। एनसीईआरटी की जो किताबें 30 रुपये से लेकर 100 रुपये तक मिलती है, उसी विषय की निजी प्रकाश की किताब की कीमत 200 से 400 रुपये तक है। स्कूलों ने अभिभावकों को बुलाकर किताबें, कॉपियां व स्टेशनरी देना शुरू कर दिया है। किताबों की कीमतें जो सामने आ रही हैं वह एलकेजी कक्षा के लिए आसमान छूने वाली हैं। महज तीन किताबें, आर्ट क्राफ्ट का सामान और स्टेशनरी, नोट बुक पांच हजार का पड़ रहा है।

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