
दिल्ली के एम्स अस्पताल ने दुर्लभ कीहोल सर्जरी कर एक बच्ची की जान बचा ली। जिसके बाद वह दुनिया की सबसे छोटी मरीज बन गई है। अग्नाशय के कैंसर से बच्ची पीड़ित थी। लंबे समय से पेट दर्द से परेशान थी। साढ़े आठ घंटे सर्जरी चली। एम्स ने दुर्लभ कीहोल सर्जरी कर अग्नाशय के कैंसर पीड़ित 11 वर्षीय लड़की की जान बचाई। टोटल लेप्रोस्कोपिक व्हिपल ऑपरेशन के माध्यम से सर्जरी करवाने वाली यह दुनिया के मेडिकल हिस्ट्री में सबसे छोटी मरीज बन गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अभी सामान्य तौर पर सर्जरी की जाती है। इसमें पेट पर बहुत लंबे कट लगाए जाते हैं। इस सर्जरी के मरीज को दर्दनाक स्थिति से गुजरना पड़ता है। साथ ही पेट पर एक बड़ा निशान बन जाता है। जबकि दुर्लभ कीहोल सर्जरी में ऑपरेटिंग टीम ने केवल चार छोटे चीरों का उपयोग करके सर्जरी करी। यह दो चीरा केवल 5 मिमी माप के और अन्य दो चीरा 10 मिमी माप के रहे। इस सर्जरी में केवल 80 मिलीलीटर रक्त की हानि हुई। जबकि दूसरी सर्जरी में रक्त की हानि होती है। यह पूरी सर्जरी साढ़े आठ घंटे चली।